ॐ गण गणपतये नमः
भगवान श्री गणेश की पूजा करने की विधि :-
भगवान गणेश की पूजा को शुरू करने से पहले, शुद्धता, भक्ति, और विनम्रता का होना बहुत आवश्यक है।
1. स्थान और तैयारी (स्थल की सफाई)
- एक स्वच्छ स्थान चुनें, जहाँ पर भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र स्थापित करना हो। पूजा स्थान को गंगाजल या शुद्ध जल से साफ करें।
- पूजा के लिए एक चौकी या पट्टे पर पीला या लाल वस्त्र बिछाएं, जो शुभ माना जाता है।
2. गणेश प्रतिमा या चित्र स्थापना
- भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र को चौकी पर स्थापित करें। उन्हें लाल या पीले वस्त्र अर्पित करें।
- मूर्ति के सामने दीया जलाएं और अगरबत्ती (धूप) लगाएं।
3. पूजा सामग्री (सामग्री का प्रबंध)
पूजा के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है:
- दीपक और घी या तेल
- लाल फूल (विशेष रूप से जास्वंद या गुलाब)
- मोदक या लड्डू (भगवान गणेश को प्रिय)
- फल, नारियल
- सिंदूर, अक्षत (चावल), कुमकुम, हल्दी
- दूर्वा (गणेश जी को दूर्वा अर्पित करना बहुत शुभ माना जाता है)
- पान, सुपारी, कलावा (धागा)
4. भगवान गणेश का आवाहन (आह्वान)
- आसन पर बैठें और भगवान गणेश को मन में ध्यायें।
- सबसे पहले “ॐ श्री गणेशाय नमः” मंत्र का जाप करें और भगवान गणेश का आवाहन करें।
- फिर “वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभः, निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा। ” मंत्र का जाप करते हुए गणेश जी को समर्पण करें।
5. मूर्ति को स्नान कराएं (अभिषेक)
- मूर्ति को पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल) से स्नान कराएं।
- उसके बाद मूर्ति को साफ पानी से स्नान कराएं और उन्हें वस्त्र अर्पित करें।
6. सिंदूर और अक्षत चढ़ाएं
- भगवान गणेश को सिंदूर, कुमकुम और अक्षत (चावल) अर्पित करें।
- दूर्वा और फूल चढ़ाएं। दूर्वा को विशेष महत्व दिया जाता है, इसलिए इसे 21 या अधिक मात्रा में चढ़ाएं।
7. प्रसाद अर्पित करें
भगवान गणेश को मोदक, लड्डू, फल और नारियल अर्पित करें। यह प्रसाद उनकी प्रिय वस्तुएं मानी जाती हैं।
नारियल को फोड़कर अर्पित करें
8. आरती करें
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
एकदंत, दयावंत, चार भुजाधारी।
माथे पर तिलक सोहे, मूसे की सवारी।।
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
अंधन को आँख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया।।
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करे सेवा।।
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
दीनन की लाज रखो, शंभु पुत्रा।
संकट से रक्षा करो, विघ्न विनाशन।।
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
9. ध्यान और समर्पण
- पूजा के अंत में भगवान गणेश से क्षमा प्रार्थना करें यदि कोई त्रुटि हुई हो।
- कुछ देर तक ध्यान करें और भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त करें।